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Showing posts from August, 2020

दिल से दिल तक कुछ बाते ❤️

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आज भी दिल तुझे याद करता है तुझे कैसे समझाए तुझे ना देखे एक दिन भी साल लगता है तेरी नजर जब हमारी नजर से मिलती है तोह बस ऐसा एहसास होता है की तेरी नज़रों में क्वाराटाइन हो जाऊं और ये जिंदगी तेरे नाम कर जाउ। प्यार हमारा जिस्म का नहीं रूह का है सायाद् इसीलिए खुदा को समय लग रहा है फाइल तेयार करने में। हमे मालूम है इधर दिल हमारा धड़कता है तोह एहसास तोह तुमे भी होता होगा क्योंकि दिल का रिश्ते में कामयाबी नहीं गहराइयां देखी जाती है आज कल लगता है तू मुझसे रूस गई है में तुझे बताना चाहता हू की हर आया गया कॉल किसी एक्स का नहीं होता। अगर मेरा प्यार सच्चा होगा तोह खुदा को भी सुप्रीम कोट जाकर मेरे प्यार की गवाई देनी पड़ेगी और फैसला भी मेरे हक में होगा में डरता हू अपने प्यार का इजहार करने से सायाद् मुझे बेरोजगार समझ कर तू मुझे मना ना कर दे इसलिए दूर से देखकर कामयाब होने की कोशिश कर रहा हू कहते है आप किसी चीज को सीदत से चाहो तोह पूरी कायनात उसे आप से मिलाने की साज़िश में लग जाती है इसी बीच हमारी कोशिश पूरी रहेगी फिर आगे खुदा की मर्जी #Subhambais

दिल की बातें ❤️❤️

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तोह कैसे है आप लोग में थोड़ा लेट हो गया पर कोई बात नहीं जख्म थोड़े गहरे थे इसलिए थोड़ा समय लग गया उन्हें भरने में तोह सुरुवात करते है एक और स्टोरी के साथ आज में आपको बताना चाहता हू की जिंदगी में अगर आप किसी से प्यार करते हो तो उससे पहले आप को उससे उस बात को कहने की हिम्मत होनी चाहिए में आप को बताना चाहता हू की जो गलती में कर रहा हूं में चाहता हू वो गलती आप ना करे। मेरा भी दिल किसी लड़की पर आया है पर मेरी हिम्मत नहीं होती सोचता हू अगर मैने उसे कह दिया तोह वो मेरे बारे में क्या सोचेगी सायद वो मुझे मना कर दे या फिर बहुत कुछ दिमाग में चलता रहता है और समझ नहीं आता क्या करे ये सोच सोच कर पूरा दिन बेकार हो जाता है अभी में स्टूडेंट हू एक ख्याल ये भी मन में आता है की अगर वो मुझे भी पसंद करती होगी तोह में उसका खर्चा कैसे उठाउगा पर दिमाग में कुछ अलग थॉट्स आते है और दिल में कुछ अलग पर साला पूरे दिन में एक बार भी उसका चहरा देख लू तोह लगता की आज का पूरा दिन बहुत अच्छा जाएगा उसके मेरे करीब आते ही दिल की धड़कन इतनी हाई हो जाती की लगता की दिल बस सीने से बाहर आने की कोशिश करता ना तोह पड़ने की इक्छा हो...

भाई और बहन का रिश्ता : क्या कहता है मनोविज्ञान

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भाई और बहन का रिश्ता : क्या कहता है मनोविज्ञान     सावन के रिमझिम मौसम के साथ ही भारत में त्योहारों की रंग-बिरंगी श्रृंखला आरंभ हो जाती है। यह त्योहार रिश्तों की खूबसूरती को बनाए रखने का बहाना होते हैं। यूं तो हर रिश्ते की अपनी एक महकती पहचान होती है। भाई-बहन का रिश्ता एक भावभीना अहसास जगाता है। रक्षाबंधन का पर्व इसी रेशमी रिश्ते की पवित्रता का प्रतीक है। यह रिश्ता जीवन के विविध उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए भी एक गहरे, बहुत गहरे अहसास के साथ हमेशा ताजातरीन और जीवंत बना रहता है। मन के किसी कच्चे कोने में बचपन से लेकर युवा होने तक की, स्कूल से लेकर बहन के बिदा होने तक की और एक-दूजे से लड़ने से लेकर एक-दूजे के लिए लड़ने तक की असंख्य स्मृतियाँ परत-दर-परत रखी होती है। बस, भाई-बहन के फुरसत में मिलने भर की देर है, यादों के शीतल छींटे पड़ते ही अतीत के केसरिया पन्नों से चंदन-बयार उठने लगती है। एक ऐसी सौंधी-सुगंधित सुवास जो मन के साथ-साथ पोर-पोर महका देती है। सुहाना बचपन  भाई का नन्हा-सा दिल पहली बार जब छोटी-सी गुलाबी-गुलाबी बहन को देखता है तब अनजानी, अजीब-सी अ...